प्लग-इन हाइब्रिड की मुश्किलें: J.D. Power ने बताया, EVs से कम विश्वसनीय!

“2025 J.D. Power स्टडी में खुलासा: प्लग-इन हाइब्रिड (PHEVs) में EVs की तुलना में ज्यादा समस्याएँ। 237 PP100 के स्कोर के साथ PHEVs सबसे कम विश्वसनीय, जबकि EVs में 212 PP100। गैसोलीन और सामान्य हाइब्रिड कारें इनसे बेहतर। Tesla की गुणवत्ता में सुधार से EV विश्वसनीयता बढ़ी। क्या आपकी अगली कार का चुनाव बदलने वाला है?”

प्लग-इन हाइब्रिड कारों पर J.D. Power का बड़ा खुलासा

J.D. Power की 2025 U.S. Initial Quality Study के अनुसार, प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (PHEVs) में किसी भी अन्य वाहन श्रेणी की तुलना में सबसे ज्यादा समस्याएँ देखी गई हैं। इस स्टडी में PHEVs को 237 समस्याएँ प्रति 100 वाहन (PP100) का स्कोर मिला, जो बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (BEVs) के 212 PP100 से अधिक है। गैसोलीन कारों का स्कोर 184 PP100 और सामान्य हाइब्रिड्स का 196 PP100 रहा, जो इन दोनों को PHEVs और EVs से बेहतर बनाता है।

PHEVs की जटिल मैकेनिकल संरचना, जिसमें गैसोलीन इंजन और बड़ी बैटरी का संयोजन होता है, को इस कम विश्वसनीयता का प्रमुख कारण माना जा रहा है। स्टडी में कहा गया कि PHEVs में इंफोटेनमेंट सिस्टम, टचस्क्रीन HVAC कंट्रोल्स और बिल्ड क्वालिटी से जुड़ी समस्याएँ सबसे ज्यादा सामने आईं। उदाहरण के लिए, कई मालिकों ने शिकायत की कि कपहोल्डर्स और ग्लवबॉक्स की गुणवत्ता अपेक्षा से कम थी।

दूसरी ओर, EVs की विश्वसनीयता में सुधार देखा गया, जिसका श्रेय Tesla के प्रदर्शन में 62 PP100 की उल्लेखनीय प्रगति को जाता है। Tesla की बेहतर गुणवत्ता ने EV सेगमेंट के औसत स्कोर को बढ़ाया। J.D. Power के सीनियर डायरेक्टर फ्रैंक हैनली ने बताया, “Tesla के पास EV मार्केट का बड़ा हिस्सा है, और उनकी प्रगति पूरे सेगमेंट को प्रभावित करती है।”

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हालांकि, PHEVs को लेकर एक और समस्या सामने आई है: कई मालिक इन्हें नियमित रूप से चार्ज नहीं करते, जिससे ये गैसोलीन पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं। इससे ईंधन खपत बढ़ती है, और सामान्य हाइब्रिड्स की तुलना में ये कम किफायती हो जाते हैं। Consumer Reports के अनुसार, PHEVs की बैटरी को नियमित चार्ज करने पर ही इनका पूरा लाभ मिलता है, लेकिन कई यूजर्स ऐसा नहीं करते।

भारत में PHEVs की लोकप्रियता अभी सीमित है, लेकिन वैश्विक ट्रेंड्स को देखते हुए ऑटोमेकर्स जैसे Hyundai, Kia और Toyota अपने PHEV मॉडल्स पर ध्यान दे रहे हैं। स्टडी से साफ है कि अगर PHEVs की विश्वसनीयता में सुधार नहीं हुआ, तो ये EVs और सामान्य हाइब्रिड्स के मुकाबले पिछड़ सकते हैं। Lexus, Hyundai और Kia जैसे ब्रांड्स के कुछ PHEV मॉडल्स बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कुल मिलाकर सेगमेंट को सॉफ्टवेयर और बिल्ड क्वालिटी पर काम करने की जरूरत है।

यह स्टडी जून 2024 से मई 2025 तक 92,694 वाहन मालिकों के फीडबैक पर आधारित है, जिसमें इंजन, इंफोटेनमेंट, ड्राइविंग अनुभव और इंटीरियर क्वालिटी जैसे पहलुओं पर 227 सवाल शामिल थे। भारतीय खरीदारों के लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की मांग बढ़ रही है। क्या PHEVs का जटिल डिज़ाइन उनकी राह में रोड़ा बनेगा, या ऑटोमेकर्स इसे सुधार पाएंगे? यह समय बताएगा।

Disclaimer: यह लेख J.D. Power की 2025 U.S. Initial Quality Study और अन्य विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी को सटीक और ताजा रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन वाहन मॉडल्स और क्षेत्रीय अंतरों के आधार पर अनुभव भिन्न हो सकते हैं।

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