भारत में लिथियम बूम: EVs के लिए United Lithium की बड़ी योजनाएँ!

“भारत में लिथियम की खोज और United Lithium की योजनाएँ इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा दे रही हैं। 5.9 मिलियन टन लिथियम रिजर्व्स जम्मू-कश्मीर में मिले हैं, जो भारत को ग्लोबल EV हब बना सकते हैं। लेकिन पर्यावरणीय चुनौतियाँ और तकनीकी बाधाएँ बनी हुई हैं। क्या भारत 2030 तक EV क्रांति में अग्रणी होगा?”

भारत की EV क्रांति में लिथियम की भूमिका और United Lithium की योजनाएँ

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की मांग तेजी से बढ़ रही है, और लिथियम इस क्रांति का केंद्रबिंदु बन गया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम रिजर्व्स की खोज ने भारत को ग्लोबल EV मार्केट में मजबूत स्थिति प्रदान की है। यह खोज भारत को लिथियम आयात पर निर्भरता कम करने और स्वदेशी बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने का अवसर देती है।

United Lithium, एक कनाडाई कंपनी, ने भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी ने 2025 में भारत में बैटरी-ग्रेड लिथियम उत्पादन और EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश की घोषणा की है। इसके तहत, कंपनी ने जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में खनन परियोजनाओं के लिए स्थानीय भागीदारों के साथ करार किया है। यह कदम भारत के 2030 तक 30% EV बिक्री और 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को समर्थन देगा।

हालांकि, लिथियम खनन के पर्यावरणीय प्रभाव चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक टन लिथियम के उत्पादन के लिए 2.2 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जो हिमालयी क्षेत्रों में जल संसाधनों और जैव विविधता को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, भारत में लिथियम शुद्धिकरण और बैटरी निर्माण के लिए उन्नत तकनीक की कमी है। United Lithium ने ऑस्ट्रेलिया और चिली की कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग की योजना बनाई है ताकि यह कमी पूरी हो सके।

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भारत सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं। 2021 में शुरू की गई Production Linked Incentive (PLI) योजना के तहत, लिथियम-आयन बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 18,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, 2023 में भारत ने अर्जेंटीना के साथ लिथियम खनन के लिए समझौता किया, जो आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा।

United Lithium की योजनाएँ भारत में EV इकोसिस्टम को बदल सकती हैं। कंपनी का लक्ष्य 2027 तक भारत में 10 GWh बैटरी उत्पादन क्षमता स्थापित करना है, जो न केवल EVs को सस्ता करेगा बल्कि सौर और पवन ऊर्जा भंडारण को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय समुदायों के हितों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना जरूरी है।

भारत का EV मार्केट 2022 से 2030 तक 49% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें 2030 तक 10 मिलियन वार्षिक EV बिक्री का अनुमान है। United Lithium की योजनाएँ इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, बशर्ते तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान हो।

Disclaimer: यह लेख समाचार, विशेषज्ञों की राय, और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी को सत्यापित करने के लिए संबंधित सरकारी और कॉर्पोरेट स्रोतों का उपयोग किया गया है।

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