2025 में चीन की EV क्रांति: आपकी कार का भविष्य अब बदल रहा है!

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“2025 में चीन ने वैश्विक EV बाजार में 70% हिस्सेदारी हासिल की, BYD ने Tesla को पीछे छोड़ा। भारत में चीनी EVs की बढ़ती मांग और किफायती कीमतें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बदल रही हैं। क्या भारतीय कार निर्माता इस चुनौती का सामना कर पाएंगे?”

चीन का EV साम्राज्य: वैश्विक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में उथल-पुथल

2025 में चीन ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में अपनी बादशाहत और मजबूत की है, जो वैश्विक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को नया आकार दे रही है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) के अनुसार, 2024 में वैश्विक स्तर पर बिकने वाली 70% इलेक्ट्रिक कारें चीनी कंपनियों ने बनाईं, जबकि अमेरिकी निर्माताओं की हिस्सेदारी मात्र 5% रही। BYD, जो अब Tesla को पछाड़कर दुनिया की सबसे बड़ी EV निर्माता बन चुकी है, ने जून 2025 में 3,77,628 वाहन बेचे, जिसमें 10% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, Geely और SAIC जैसे ब्रांड्स ने भी 50% EV बिक्री हिस्सेदारी के साथ 2025 के अपने लक्ष्य एक साल पहले ही हासिल कर लिए।

चीन की इस सफलता का आधार उसकी दीर्घकालिक योजना और सरकारी समर्थन है। 2009 से 2023 तक, बीजिंग ने EV इंडस्ट्री में 231 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जिसने बैटरी प्रोडक्शन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और किफायती मॉडल्स को बढ़ावा दिया। CATL, दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी निर्माता, 2024 में वैश्विक EV बैटरी मार्केट में 37.9% हिस्सेदारी के साथ अग्रणी रही। चीन की बैटरी सामग्री रिफाइनिंग में 95% ग्रेफाइट और 70% से अधिक कोबाल्ट और लिथियम पर नियंत्रण ने लागत को और कम किया।

भारत में, चीनी EVs जैसे BYD Atto 3 और MG ZS EV की मांग बढ़ रही है, जो अपनी किफायती कीमतों और हाई-टेक फीचर्स जैसे ऑटोनॉमस ड्राइविंग और AI असिस्टेंट्स के लिए लोकप्रिय हैं। हालांकि, अमेरिका और यूरोप में चीनी EVs पर 100% और 35% तक के टैरिफ ने उनकी वैश्विक पहुंच को सीमित किया है। फिर भी, BYD ने हंगरी और तुर्की में नए कारखाने खोलकर यूरोप में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।

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भारतीय निर्माताओं के लिए यह स्थिति चुनौती और अवसर दोनों लेकर आई है। Tata Motors और Mahindra जैसी कंपनियां अपनी EV रेंज को बढ़ा रही हैं, लेकिन चीन की कम लागत और टेक्नोलॉजी में बढ़त के सामने उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को EV इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी प्रोडक्शन में निवेश बढ़ाना होगा ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहा जा सके।

Disclaimer: यह लेख हाल के समाचारों, उद्योग विश्लेषण और विश्वसनीय स्रोतों जैसे IEA, ICCT, और Bloomberg पर आधारित है। डेटा और तथ्य 3 जुलाई 2025 तक की जानकारी पर आधारित हैं। लेख में दी गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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