“चीन में 2024 में 47.9% नई कारें इलेक्ट्रिक थीं, जो 40% की वृद्धि दर्शाती है। BYD और Tesla ने बाजार पर कब्जा किया, जबकि पेट्रोल कारों की बिक्री 17% गिरी। भारत में EV की मांग बढ़ रही है, लेकिन क्या हम इस रेस में पीछे रह जाएंगे? जानें वैश्विक प्रभाव और भारत की स्थिति।”
चीन की इलेक्ट्रिक कार क्रांति: 2024 में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री
2024 में चीन ने ऑटोमोबाइल उद्योग में इतिहास रच दिया, जब लगभग 47.9% नई कारों की बिक्री इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की थी। China Association of Automobile Manufacturers (CAAM) के अनुसार, 31.4 मिलियन वाहनों की कुल बिक्री में 12.87 मिलियन EV थे, जिसमें 60% बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) और 40% प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV) शामिल थे। यह 2023 की तुलना में 40% की वृद्धि है, जब EV की हिस्सेदारी 37% थी।
BYD ने 4.3 मिलियन यूनिट्स बेचकर Tesla को पछाड़ दिया, जो 1.79 मिलियन BEV बेचने में कामयाब रहा। BYD Seagull और Tesla Model Y जैसी कारें टॉप सेलर्स में रहीं। दूसरी ओर, पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री 17% गिरकर 11.6 मिलियन रह गई। सरकार की सब्सिडी, जैसे अप्रैल 2024 में शुरू की गई ट्रेड-इन स्कीम, ने EV की मांग को बढ़ाया, जिसमें पुराने वाहनों को EV से बदलने पर 20,000 युआन (लगभग USD 2,750) का इंसेंटिव मिला।
चीन ने 2024 में 1.28 मिलियन EV निर्यात किए, जो वैश्विक बाजार में उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है। यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे बाजारों में चीनी EVs की मांग बढ़ी, हालांकि EU और US में टैरिफ ने चुनौतियां पेश कीं। भारत में, EV की हिस्सेदारी 2024 में केवल 2-3% रही, लेकिन सरकार की FAME-III स्कीम और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर से 2025 में तेजी की उम्मीद है।
चीन की इस क्रांति का वैश्विक प्रभाव गहरा है। बैटरी की कीमतों में 30% की कमी और प्रौद्योगिकी में सुधार ने चीनी EVs को सस्ता और आकर्षक बनाया। लेकिन भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए सवाल यह है कि क्या हम इस रेस में शामिल हो पाएंगे या सिर्फ आयात पर निर्भर रहेंगे?
Disclaimer: यह लेख China Association of Automobile Manufacturers, International Energy Agency, और Rho Motion जैसे विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। डेटा में मामूली बदलाव हो सकता है। यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है और निवेश सलाह नहीं है।