सितंबर 30 से खत्म होगी EV टैक्स क्रेडिट: आपकी इलेक्ट्रिक कार अब महंगी!

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अमेरिकी सीनेट ने 30 सितंबर 2025 से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए $7,500 टैक्स क्रेडिट खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। यह फैसला भारतीय EV निर्माताओं और उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि वैश्विक कीमतें बढ़ सकती हैं। टेस्ला जैसे ब्रांड्स पर असर पड़ेगा, और भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की लागत बढ़ने की आशंका है।

सीनेट का चौंकाने वाला फैसला: इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स क्रेडिट खत्म

अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में एक बड़े टैक्स और बजट बिल को मंजूरी दी है, जिसमें 30 सितंबर 2025 से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए $7,500 की टैक्स क्रेडिट और पुराने EVs के लिए $4,000 की क्रेडिट को खत्म करने का प्रस्ताव शामिल है। यह बिल, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का “One Big Beautiful Bill” कहा जा रहा है, अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अभी विचाराधीन है। हाउस ने पहले इस क्रेडिट को 2025 के अंत तक चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का सुझाव दिया था, लेकिन सीनेट ने इसे और जल्दी लागू करने का26 कर दिया है।

इस फैसले का असर न केवल अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर EV उद्योग पर भी प्रभाव डालेगा। भारत में टेस्ला, MG और Hyundai जैसे ब्रांड्स की इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है, और यह बदलाव वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कीमतों को प्रभावित कर सकता है। भारतीय निर्माता जैसे Tata Motors और Mahindra Electric, जो EV बाजार में निवेश कर रहे हैं, को बढ़ती लागत और कम मांग का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिकी EV उद्योग के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि टैक्स क्रेडिट ने इलेक्ट्रिक कारों को किफायती बनाने में मदद की थी। Calstart और Electrification Coalition जैसे संगठनों ने चेतावनी दी है कि इससे लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं और अमेरिकी ऑटोमोटिव उद्योग कमजोर हो सकता है।

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भारत में, जहां सरकार 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का लक्ष्य रखती है, यह फैसला चुनौतियां बढ़ा सकता है। बैटरी की कीमतें पहले ही 2023 से 20% कम होकर $132 प्रति किलोवाट-घंटा हो गई हैं, लेकिन टैक्स क्रेडिट खत्म होने से आयातित EVs की लागत बढ़ सकती है, जिसका असर भारतीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

बिल के पारित होने के लिए अभी हाउस की मंजूरी और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत है। अगर यह कानून बन गया, तो भारतीय उपभोक्ताओं को 30 सितंबर 2025 से पहले EV खरीदने की योजना बनानी होगी।

Disclaimer: यह लेख हाल के समाचारों और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। जानकारी सटीकता के लिए सत्यापित की गई है, लेकिन नीतिगत बदलावों की स्थिति में परिवर्तन संभव है।

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