यूपी के गांवों में हरित रोजगार: ₹2000 करोड़ का बायोप्लास्टिक पार्क

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“उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में ₹2000 करोड़ का बायोप्लास्टिक पार्क स्थापित हो रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ हजारों रोजगार पैदा करेगा। कुम्भी गांव में बनने वाला यह पार्क बायोप्लास्टिक उत्पादन और रिसर्च का केंद्र होगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।”

यूपी में बायोप्लास्टिक पार्क: हरित भविष्य की ओर कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले के कुम्भी गांव में ₹2000 करोड़ की लागत से बायोप्लास्टिक पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। यह पार्क 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा और बालरामपुर चीनी मिल्स द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) इस परियोजना की नोडल एजेंसी होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह पार्क न केवल पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर हजारों रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। बायोप्लास्टिक, जो मक्का, सूरजमुखी और चुकंदर जैसे प्राकृतिक संसाधनों से बनाया जाता है, पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में तेजी से विघटित होता है। यह पैकेजिंग, रेडीमेड गारमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उद्योगों में उपयोगी होगा।

पार्क में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार के साथ-साथ अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और प्रदूषण कम करने के लिए नए समाधान विकसित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश को बायोप्लास्टिक इनोवेशन में अग्रणी बनाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।

इसके अतिरिक्त, पार्क से आसपास के गांवों में सहायक उद्योगों का विकास होगा, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। यह परियोजना भारत के पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप है और प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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Disclaimer: यह लेख हाल की खबरों और विश्वसनीय स्रोतों जैसे Hindustan Times, The Indian Express, और The CSR Journal पर आधारित है। जानकारी को सटीक और तथ्यपूर्ण रखने का प्रयास किया गया है।

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