“उत्तर प्रदेश सरकार 58,189 ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। मुफ्त वाई-फाई, ऑनलाइन प्रमाणपत्र, और स्मार्ट गवर्नेंस से गाँवों में सुविधाएँ बढ़ रही हैं। 40,000 पंचायत भवनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी शुरू हो चुकी है, जिससे ग्रामीण भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।”
यूपी की डिजिटल पंचायत क्रांति: गाँवों में ई-सेवाओं का नया युग
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं। 58,189 ग्राम पंचायतों को स्मार्ट विलेज में बदलने की योजना के तहत, राज्य सरकार ने लगभग 40,000 पंचायत भवनों में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की है। यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्मार्ट विलेज विजन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य ग्रामीणों को बिना शहर जाए अपने गाँव में ही सभी जरूरी सेवाएँ उपलब्ध कराना है।
इस डिजिटल पंचायत पहल के तहत, ग्रामीण अब पंचायत भवनों के 50 मीटर के दायरे में मुफ्त वाई-फाई का उपयोग कर सकते हैं। इससे ऑनलाइन प्रमाणपत्र जैसे जन्म, मृत्यु, और जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करना आसान हो गया है। इसके अलावा, मिनी बैंक, मिनी एटीएम, होटल बुकिंग, और मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज जैसी सुविधाएँ भी गाँवों में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
56,000 पंचायत सहायकों को ऑनलाइन सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जो ग्रामीणों को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से सरकारी दस्तावेज प्राप्त करने में मदद करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीणों को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। डिजिटल पंचायतें न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रही हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत e-Panchayat मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP) के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों को और सशक्त किया जा रहा है। eGramSwaraj जैसे प्लेटफॉर्म ग्राम पंचायतों के लिए पारदर्शी योजना, बजट, और लेखा-जोखा प्रबंधन को संभव बना रहे हैं। 2023-24 में, 2.52 लाख ग्राम पंचायतों ने eGramSwaraj पर अपने विकास योजनाएँ अपलोड की हैं।
उत्तर प्रदेश में डिजिटल पंचायतों की यह पहल न केवल ग्रामीणों के जीवन को आसान बना रही है, बल्कि गवर्नेंस को और जवाबदेह और प्रभावी भी बना रही है। स्थानीय स्तर पर डिजिटल उपकरणों का उपयोग ग्राम सभाओं के निर्णयों को ऑनलाइन रिकॉर्ड करने और साझा करने में मदद कर रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ रही है।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्य समय के साथ बदल सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स की जाँच करें।