यूपी में MGNREGA की नई जॉब कार्ड्स: ग्रामीण मजदूरों के लिए जरूरी खबर

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“उत्तर प्रदेश में MGNREGA के तहत लाखों ग्रामीण मजदूरों को नई जॉब कार्ड्स जारी किए गए हैं। 2025-26 में 100 दिन की गारंटीशुदा मजदूरी, ग्रामीण विकास और Aadhaar लिंकिंग पर जोर। लेकिन डिलीशन और गलत रजिस्ट्रेशन की चुनौतियां बरकरार। जानें नई प्रक्रिया और इसके फायदे।”

यूपी में MGNREGA जॉब कार्ड्स: ग्रामीण मजदूरों के लिए नया अवसर

उत्तर प्रदेश में Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) के तहत 2025-26 के लिए नई जॉब कार्ड्स जारी करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक लाखों नए कार्ड्स जारी किए गए हैं, जो ग्रामीण मजदूरों को 100 दिन की गारंटीशुदा मजदूरी प्रदान करते हैं। यह योजना ग्रामीण भारत में बेरोजगारी और गरीबी से निपटने का एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसके तहत वयस्क ग्रामीण परिवार के सदस्य अकुशल मैनुअल कार्य के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।

हालांकि, 2022-23 में 78.78 लाख जॉब कार्ड्स डिलीट होने की खबर ने विवाद खड़ा किया था। कारणों में फर्जी कार्ड्स, डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन और Aadhaar लिंकिंग की अनिवार्यता शामिल थी। सरकार ने इस साल Aadhaar-Based Payment System (ABPS) को और सख्त किया है, जिसके तहत कार्डधारकों को अपने आधार नंबर को जॉब कार्ड और बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं कि डिलीशन से पहले ग्राम सभा में सत्यापन और 30 दिन का नोटिस अनिवार्य है।

नए जॉब कार्ड्स के लिए पंजीकरण UMANG ऐप या nrega.nic.in के जरिए ऑनलाइन किया जा सकता है। पात्रता के लिए आवेदक को ग्रामीण क्षेत्र का निवासी, 18 वर्ष से अधिक उम्र का और अकुशल कार्य करने का इच्छुक होना चाहिए। जॉब कार्ड में परिवार के सभी पात्र वयस्कों का नाम, कार्य विवरण और भुगतान रिकॉर्ड शामिल होता है।

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2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों को नए प्रोजेक्ट्स जैसे जल संरक्षण, ग्रामीण सड़कें और स्वच्छता कार्यों के लिए अधिक संसाधन दिए गए हैं। हालांकि, कार्यों के पूरा होने में देरी और फर्जी कार्ड्स की समस्या अब भी बनी हुई है। ग्रामीण मजदूरों से अपील की गई है कि वे अपने जॉब कार्ड की स्थिति नियमित रूप से जांचें और गलत डिलीशन की स्थिति में शिकायत दर्ज करें।

Disclaimer: यह लेख ग्रामीण विकास मंत्रालय, nrega.nic.in, और हाल के समाचार स्रोतों जैसे Business Standard, The Hindu, और Down To Earth से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। डेटा और तथ्य सटीकता के लिए सत्यापित किए गए हैं, लेकिन पाठकों को नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स की जांच करने की सलाह दी जाती है।

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