“उत्तर प्रदेश में नई नहर परियोजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। 2025 में शुरू होने वाली ये नहरें 2 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करेंगी, जिससे फसल उत्पादन में 20% वृद्धि की उम्मीद है। यह पहल सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करेगी और किसानों की आय बढ़ाएगी।”
यूपी की नई नहर परियोजनाएं: किसानों के लिए नया युग
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में कई नई नहर परियोजनाओं की घोषणा की है, जो 2025 तक राज्य के किसानों के लिए सिंचाई को और सुलभ बनाएंगी। इन परियोजनाओं में गंगा-यमुना बेसिन के आसपास के क्षेत्रों में नई नहरों का निर्माण और पुरानी नहरों का आधुनिकीकरण शामिल है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, ये नहरें लगभग 2.2 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करेंगी, खासकर सूखा प्रभावित पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्रों में।
इन नहरों का उद्देश्य न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ाना है, बल्कि फसलों की पैदावार को भी बढ़ाना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन परियोजनाओं से गेहूं, धान और गन्ने जैसी फसलों का उत्पादन 20% तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, नहरों के आधुनिकीकरण में Rubicon Water जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जो पानी के वितरण को 20% अधिक कुशल बनाती हैं। इससे टेल-एंड क्षेत्रों में पानी की कमी की समस्या भी कम होगी।
किसानों के लिए यह पहल आर्थिक रूप से भी लाभकारी होगी। नई नहरें न केवल खेती को स्थिर करेंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएंगी। हालांकि, कुछ चुनौतियां जैसे जलभराव और नहरों की रखरखाव लागत अभी भी बनी हुई हैं। सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम और माइक्रो-इरिगेशन तकनीकों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
Disclaimer: यह लेख हाल के समाचारों, सरकारी रिपोर्टों और विशेषज्ञ विश्लेषणों पर आधारित है। डेटा जल शक्ति मंत्रालय और संबंधित समाचार स्रोतों से लिया गया है।